एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया संस्कृत जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने मनाया अपना 150वां स्थापना दिवस समारोह

नई दिल्ली- एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया संस्कृत जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने अपना 150वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। हर साल की तरह इस साल भी स्कूल ने अपने स्थापना दिवस अपने स्कूल के पुराने छात्रों को आमंत्रित किया। एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया संस्कृत जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल का इतिहास काफी प्राचीन रहा है 1859 में इस स्कूल की स्थापना हुई थी। 1859 में लाला अम्बा प्रसाद ने विद्यालय को 80 हज़ार रुपए की सहयोग राशि दी थी जिससे इस स्कूल के लिए भवन निर्माण कराया गया। इसविद्यालय से देश के नामी लोगो ने पढ़ाई की है। इस स्कूल ने देश को कई डॉक्टर और इंजीनियर दिए है। इस स्कूल से कई स्वतंत्रता सेनानी पढ़े है। साथ ही देश के कई नामी मंत्रियो ने इस स्कूल ने शिक्षा ग्रहण की है।

Anglo Sanskrit Victoria Sanskrit Jubilee Senior Secondary School celebrates its 150th Foundation Day celebrations

इस स्कूल से केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन,महेश शर्मा जय प्रकाश अग्रवाल जैसे कद्दावर नेताओं ने शिक्षा प्राप्त की है। इसके साथ ही इस विद्यालय से जाने माने पत्रकार के एन गुप्ता (इकोनॉमिक्स टाइम्स एडिटर) नरेंद्र भंडारी (प्रबंध समपादक मदरलैंड वौइस् )ने अपनी शिक्षा ग्रहण की। इसके साथ ही डॉ प्रेम अग्रवाल ,डॉ के के अग्रवाल,डॉ वालिया समेत देश की महान व्यक्तियों ने इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की।

इस विद्यालय का अपना इतिहास रहा है की इस विद्यालय देश को बहुत नामी विधार्थी दिए है। इस विद्यालय के मास्टर अमीर चंद और मास्टर अबध बिहारी जी ने वायसराय पर बम फेंका था जिस बजह से अंग्रेज़ो के समय विद्यालय को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस विद्यालय से बहुत से क्रन्तिकारी निकले जिनकी देश की आज़ादी में अहम् भूमिका थी।


कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप प्रज्वलित कर की गई। कार्यक्रम में सीनियर जर्नलिस्ट के एन गुप्ता जी मौजूद रहे के एन गुप्ता जी 1949 के छात्र है। वह सीनियर पत्रकार है। वह कई प्रमुख अखबारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे और पत्रकारों के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते है। इस विद्यालय के छात्रों में आज भी विद्यालय के प्रति प्रेम भाव है तभी तो 1949 के छात्र भी यहाँ पहुंचते है।

Previous articleLIVE : PM Narendra Modi addresses public meeting in Barhait, Jharkhand
Next articleजामिया हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से किया इंकार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here