अविनाश भगत : राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आगामी 10 अक्तूबर से घाटी में पयर्टकों के आने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिए जाने के ऐलान के बाद से यहां के पयर्टन उद्योग में सकारात्मक उम्मीद जगी है। बता दें कि राज्य के गृह विभाग ने गत 2 अगस्त को घाटी से पयर्टकों को फौरन निकल जाने संबंधी एडवाइजरी जारी की थी। तब किसी आतंकी हमले की आशंका जाहिर की गई थी। उस वक्त सालाना पवित्र अमरनाथ यात्रा को भी रोक दिया गया था।
धारा 370 खत्म होने पर सरकार ने उठाये एहतियाती कदम
उल्लेखनीय है कि उक्त 2 अगस्त के एडवाइजरी के बाद 5 अगस्त को संसद मंे मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में लागू विवादित धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को खत्म किए जाने का बड़ा ऐलान किया था। इसी के साथ तब एहतियात के तौर पर घाटी में काफी बड़ी संख्या में लोगों की धरपकड़ की गई थी। यहां तक कि, पीडीपी के शीर्ष नेतृत्व को भी हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया गया। वहीं घाटी के कईं अलगाववादी नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया। राज्य के शासन ने यह सभी कदम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए थे। ताकि कोई भी किसी भी प्रकार की हिंसा को अंजाम न दे सके। केवल इतना ही नहीं शासन की ओर से अन्य कईं प्रकार के भी एहतियाती कदम उठाए गए। जिनमें इंटरनेंट, ब्राडबैंड, मोबाइल फोन तथा लैंडलाइन फोन तक बंद कर दिए गए। बाद में लैंडलाइन फोन को बहाल कर दिया गया।
राज्य शासन ने पर्यटकों पर लगी पाबंदी को हटाने का किया ऐलान
वहीं अब राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अगुवाई में राज्य के शासन ने आगामी 10 अक्तूबर से घाटी में पर्यटकों पर लगी पाबंदी को हटाने का ऐलान किया है, जिसे लेकर घाटी में अच्छे संकेत दिखाई देने लगे हैं। माना जा रहा है कि घाटी में सरकार के इस कदम के बाद हालात सामान्य बनाने की दिशा में मदद मिलेगी। सरकार के इस कदम से डलझील, पहलगाम तथा गुलमर्ग में फिर से रौनक लौटेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं एमएलसी रमेश अरोड़ा जोकि पार्टी के कश्मीर प्रभारी रहे हंै, का मानना है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक का यह कदम जहां पर्यटकों की पुनः मौजूदगी के चलते हालात सामान्य करने की दिशा में अहम होगा। वहीं अमन बहाली का लक्ष्य भी प्राप्त होगा।