नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में महिलाओं के प्रदर्शन करने के मामले में अलीगढ़ के बाद लखनऊ में केस दर्ज किया गया है। जिसका सबसे अहम कारण है धारा 144 । सरकार ने विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लागू कर दी थी। जिसके बाद भी प्रदर्शन जारी है। बता दें कि लखनऊ में 250 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें तीन नामजद हैं।

महिलाएं विभिन्न संगठन के लोगों के साथ हुईं शामिल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिना अनुमति के घंटाघर पर सप्ताह भर से चल रहे धरने में गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाएं विभिन्न संगठन के लोगों के साथ शामिल हुईं। पुरुष भी आसपास खड़े होकर धरने की अगुवाई कर रहे थे। एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि यहां धरने में शामिल 400 से अधिक महिलाओं और पुरुषों को नोटिस दिया जा चुका है जिसमें साफतौर से कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन अवैध है और इससे घंटाघर आने वाले पर्यटकों को भी असुविधा हो रही है। यह ऐतिहासिक स्थल है और यहां पर धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। एडीसीपी त्रिपाठी ने प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। शहर में धारा 144 लागू है, धरने की भी अनुमति नहीं है फिर भी महिलाओं के साथ पुरुष घंटाघर पर जमा हो रहे हैं। इस मामले में अब तक सौ से अधिक लोगों पर तीन एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार चेतावनी दे रही है। नोटिस और एफआइआर के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

131 महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज
एक दरगाह पर गोमतीनगर के उजरियांव गांव में प्रदर्शन कर रहीं 131 महिलाओं के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें छह महिलाओं को नामजद किया गया है। नामजद महिलाओं में प्रदर्शन की अगुवाई कर रहीं असमां सिद्दीकी, तन्नो, उशारा, रुबीना, बेबी और हयात हैं। इंस्पेक्टर गोमतीनगर ने बताया कि सभी बिना अनुमति के प्रदर्शन में शामिल हैं। चेतावनी देने के बावजूद डटी हैं। यहां बर चौकी इंचार्ज हुसैन अब्बास की तरफ से गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

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