CAA से भारत के किसी भी मुसलमान को दिक्कत नहीं होनी चाहिए-तारिक फतह
दिल्ली के कान्स्टीट्यूशन क्लब में भारत के पडोसी देशों मैं अल्पसंख्यकों की वास्तविक स्थिति और सीए के विषय में एक विचार गोष्ठी हुई ၊
इस विचार गोष्ठी में बोलते हुए पाकिस्तानी मूल के प्रसिद्ध लेखक , इस्लाम धर्म के जानकार ,समाजसेवी और विचारक तारिक फतेह ने कहा कि भारत के पड़ोसी मुल्कों में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है , वहां हिंदुओं का धर्मांतरण हो रहा है , उनकी महिलाओं का शोषण हो रहा है ,उनके साथ बलात्कार किए जा रहे हैं, इसीलिए पडोसी मुल्को के अल्पसंख्यक भारत में शरण लेने को मजबूर हैं ,दूसरी तरफ भारत में रह रहे मुस्लिम जो कि यहां अल्पसंख्यक हैं ,उनको हर किस्म की आजादी इस देश में पहनने बोलने की है ၊
तारिक फतेह जी ने कहा कि पड़ोसी मुल्कों से आए हुए अल्पसंख्यको के कल्याण के मोदी सरकार ने उनके लिए नागरिक संशोधन एक्ट बनाया है, जिससे उनको यहां नागरिकता मिलेगी और उनका जीवन का स्तर सुधरेगा .
इस कानून से भारत के किसी भी मुसलमान को दिक्कत नहीं होनी चाहिए ,किंतु बड़े दुख और चिंता की बात है कि भारत का मुसलमान इस कदर विचार करने लगा है कि उनके पूर्वज भारतीय नहीं हैं ၊
भारतीय मुसलमान अब खुदा को नहीं मानता अल्लाह को मानता है दोनों में बड़ा फर्क है आज के मुसलमान खुदा हाफिज के बजाय अल्लाह हाफिज कहने में गर्व समझते हैं इसी से भारतीय मुसलमानों की सोच का पता लगता है कि वह किस कदर कट्टर होते जा रहे हैं यह भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है कि भारतीय मुसलमान इस देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की ओर कार्यरत है ၊
भारतीय मुसलमान अपने को हिंदुस्तान से अलग समझता है और अरब देशों को फॉलो करने लगा है उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मुस्लिमों में कभी भी हिजाब का कोई कंसेप्ट नहीं है , बुर्के का रिवाज था ,लेकिन पिछले कुछ सालों से कुंवारी लड़कियों से लेकर महिलाओं तक हिजाब पहनने लगी हैं जिसका इस्लाम में कोई जिक्र नहीं है लेकिन यह अरब की एक संस्कृति है जिसको भारत का मुसलमान भी अपना रहा है और भारत का मुसलमान भारत के तरक्की के लिए किए गए किसी भी काम में रुकावट पैदा करने के लिए अनावश्यक रूप से विरोध कर रहा है ,जिसके लिए मेरा अनुमान है कि उनको पाकिस्तान से और अरब कंट्री यों से देश के विरोध में काम करने के लिए पैसा मिल रहा है ၊
कार्यक्रम में बोलते हुए जीएसटी के संयुक्त आयुक्त आर पी सिंह ने बताया कि दुनिया के अनेक देशों में मुसलमानों की स्थिति बहुत ही बदतर है उसकी तुलना में भारत में रह रहे मुसलमान बहुत ही अच्छे तरीके से रह रहे हैं जिसको देश की आजादी के बाद से सरकारों ने अल्पसंख्यक मानते हुए उनके लिए अनेक अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं को बनाया और उनको विशेष अधिकार के तहत अनेक लाभ भारत की सरकार ने दिए हैं ၊
आरपी सिंह ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सिख भी हैं ईसाई भी है बौद्ध भी हैं और जैन भी हैं किंतु इस देश का अल्पसंख्यक मुसलमान बड़ी तेजी से एक योजनाबद्ध तरीके से अपनी जनसंख्या बढ़ा रहा है , जबकि हिंदुओं की संख्या लगातार घटती जा रही है यह देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है इस पर सभी लोगों को विचार करना चाहिए जहां तक सीए का सवाल है यह जानबूझकर मुद्दा बनाकर सरकार का विरोध किया जा रहा है जो कि एक राजनीति है၊