जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है। उसको देखने के बाद राजनीतिक जगत में हलचल पैदा हो गया है। पार्टी ने ये सूची दिल्ली विधानसभा को लेकर जारी की है। इस लिस्ट में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर तथा पवन वर्मा के नाम गायब हैं। जेडीयू में प्रशांत किशोर व पवन वर्मा कुछ समय से हाशिए पर चल रहे हैं। इस बीच अपने बयानों के कारण वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा जेडीयू के नेताओं की आंखों की किरकिरी भी बनते रहे हैं।
20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इनमें पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी सहित कई बड़े नाम शामिल हैं। सूची में अशोक चौधरी, ललन सिंह, आरसीपी सिंह, वशिश्ठ नारायण सिंह, कविता सिंह तथा सुनील कुमार पिंटू आदि के भी नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केसी त्यागी, ललन सिंह, आरसीपी सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, अशोक चौधरी, रामनाथ ठाकुर, श्रवण कुमार, जयकुमार सिंह, संजय कुमार झा, अफाक अहमद खान, दयानंद राय, महाबली सिंह, महेश्वर हजारी, दिलेश्वर कामत, आरपी सिंह, सुनील कुमार पिंटू, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, राज सिंह मान एवं कविता सिंह।
सूची से गायब प्रमुख लोगों के नाम
बता दें कि, सूची से गायब प्रमुख नामों में प्रशांत किशोर व पवन वर्मा हैं। दोनों बीते कुछ समय से जेडीयू की लाइन से हटकर बयान दे रहे थे। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ बयान दिए। जबकि, जेडीयू इनमें से सीएए का संसद में समर्थन कर चुका है। इसे लेकर प्रशांत किशोर व पवन वार्म की पार्टी के अंदर भी आलोचना हुई। खासकर प्रशांत किशोर पर सहयोगी दल बीजेपी ने हमला किया। इस मामले में जब विवाद गहराया तब प्रशांत किशोर पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी हमला कर दिया। जवाब में प्रशांत किशाेर ने कहा कि 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान नहीं दें।