बीते दिनों हुए JNU हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस को 3 जनवरी 2020 की सीसीटीवी फुटेज अभी तक नहीं मिली है। जहां छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष और अन्य आरोपियों पर 3 जनवरी 2020 को जहां तोड़फोड़ का आरोप है, वहां सीसीटीवी कैमरे ही लगे हुए नहीं हैं। जहां अपराध शाखा के अधिकारियों के मुताबिक, तोड़फोड़ सर्वर रूम के पीछे की तरफ हुई, जबकि सीसीटीवी कैमरे आगे की तरफ लगे हैं। अपराध शाखा की एसआईटी के प्रमुख डॉ. जॉय टर्की ने कहा था कि रजिस्ट्रेशन का विरोध 28 अक्तूबर से हो रहा था। 3 जनवरी को छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष कुछ साथियों के साथ सर्वर रूम पहुंचीं और तोड़फोड़ की है। छात्रों ने सिक्योरिटी गार्ड के साथ धक्का-मुक्की की। जंहा इस पर जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने में एफआईआर नंबर तीन दर्ज की गई थी।
वहीं यह भी कहा जा रहा है अब जेएनयू प्रशासन 3 जनवरी 2020 को पुलिस को शिकायत देने की बात से इनकार कर रहा है। अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार, पुलिस को 3 जनवरी 2020 को हुई तोड़फोड़ के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। एसआईटी अब सर्वर से मिले डाटा से पता कर रही है कि 4 व 5 जनवरी को जेएनयू में लगे कौन-कौन से सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे और कौन-कौन से नहीं। जहां एसआईटी को 5 जनवरी की जेएनयू के गेटों की सीसीटीवी फुटेज मिल जाती है तो पुलिस को बड़ा साक्ष्य मिल जाएगा। इससे आसानी से पता चल जाएगा कि बाहरी युवक कौन से गेट से, कैसे और कितने बजे जेएनयू के अंदर गए थे।
दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने बीते बुधवार यानी 22 जनवरी 2020 को दो गवाह छात्रों से पूछताछ की गई तो इन्होंने हिंसा मामले के किसी भी आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि उधर, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जिस नकाबपोश लड़की को पुलिस ने कोमल शर्मा के रूप में पहचाना था, एसआईटी उसका पता अब तक नहीं लगा पाई है।