देश के भीतर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर तमाम भ्रम को दूर कर रहे हैं। वे बार-बार लोगों से आग्रह भी कर रहे हैं कि इस बारे में किसी भी तरह का भ्रम ना फैलाएं क्‍योंकि नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है और इससे किसी भी मुस्लिम या किसी अल्पसंख्यक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।

एनआरसी को लेकर विरोधाभासी खबरें सामने..
बता दें कि सरकार इसके लिए निरंतर विज्ञापन भी दे रही है और तरह-तरह के तरीके अपनाकर लोगों में जानकारी भी दे रही है। किन्तु इसके बाद भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में नागरिकता संशोधन अधिनियम और NRC को लेकर विरोधाभासी खबरें आ रही हैं। कुछ देशों से विरोधी बयान भी आ रहे हैं। लिहाजा अब भारत की ओर से विदेश मंत्रालय इस मामले में सक्रिय हुआ है। हालांकि पहले ही नई दिल्ली में स्थित दूतावासों को विदेश मंत्रालय नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर एक प्रक्रिया के तहत जानकारी शेयर करता रहा है।

एनआरसी को लेकर विदेशों में फैल रहा भ्रम
विदेश में इसको लेकर जिस किस्म का भ्रम फैल रहा है और जिस प्रकार की स्थिति बन रही है, उसको देखते हुए विदेश मंत्रालय ने फैसला लिया है कि वह तमाम प्रकार के भ्रम दूर करने के लिए मित्र देशों की सरकारों के सामने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जानकारी साझा करेगा। साथ ही एनआरसी को लेकर जो अफवाह है उसको लेकर भी सही तस्वीर मित्र देशों के सामने रखेगा जिससे कहीं भी कोई भ्रम की स्थिति ना रहे।

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