सियासी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में, प्रशांत किशोर ने कहा है कि, ‘कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के एक बयान से NRC मुद्दे पर कांग्रेस का स्टेंड स्पष्ट होगा। धरने और प्रदर्शनों में हिस्सा लेना ठीक है, किन्तु इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से एक भी आधिकारिक बयान न आना समझ से परे है।’

किशोर का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष या कांग्रेस कार्य समिति (CWC) को कांग्रेस शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्रियों को यह घोषित करने के लिए कहना चाहिए कि वे अपने प्रदेशों में एनआरसी की इजाजत नहीं देंगे। किशोर ने कहा है कि, ‘कांग्रेस सहित 10 से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्यों में एनआरसी की इजाजत नहीं देंगे। अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, ममता बनर्जी या जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई में, मुख्यमंत्री पार्टियों के प्रमुख के रूप में काम कर रहे हैं। किन्तु कांग्रेस के मामले में ऐसा नहीं है। यहां सीएम अंतिम निर्णय नहीं ले सकते। CWC अंतिम फैसला लेती है।’

किशोर ने आगे कहा कि मेरा प्रश्न और चिंता का विषय यह है कि सोनिया गाँधी आधिकारिक रूप से यह क्यों नहीं कह रही हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों में एनआरसी की इजाजत नहीं होगी? किशोर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार में रहते हुए उसने इस कानून में संशोधन क्यों नहीं किया और आगे ऐसा करने का अवसर छोड़ दिया।

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