महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस बार राज्य में पहली बार छोटे भाई की भूमिका में चुनाव लड़ रही शिवसेना ने इपनी इस भूमिका पर बयान दिया है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाली भाजपा से गठबंधन करना उचित समझते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह निर्णय इस फैसले का विरोध करने वाली देशद्रोही कांग्रेस को समर्थऩ देने से बेहतर है।
30 साल से चल रहा मुकदमा…
शिवसेना प्रमुख ने मंगलवार को शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली को संबोधित करते हुए याद किया कि धारा 370 रहित जम्मू-कश्मीर उनके पिता और शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे का सपना था। उन्होंने यह भी याद किया कि उनके पिता अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर भी देखना चाहते थे। राममंदिर से ही भाषण की शुरुआत करते हुए उद्धव ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री द्वारा इस मामले के कोर्ट में लंबित होने के कारण इस पर बयानबाजी न करने की हिदायत का उल्लेख करते हुए कहा कि मुकदमा तो 30 साल से चल रहा है।
हमने देश को राममंदिर बनाने का वचन दिया है…
दशहरे और दीवाली की छुट्टी में कोर्ट बंद होता है। यानी वह मानता है कि राम ने रावण का वध किया, लेकिन राम का जन्म कहां हुआ, इस पर मुकदमा चल रहा है। मंदिर निर्माण शिवसैनिकों की मांग है। पूरे देश की मांग है। हम यह मांग छोड़ नहीं सकते। हमने देश को राममंदिर बनाने का वचन दिया है। हमें विशेष कानून बनाकर यह वचन पूरा करना चाहिए। उन्होंने शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार को भी आड़े हाथों लिया। साथ ही उद्धव ठाकरे ने नाराज नेताओं को बगावत न करने की सलाह भी दी।